Saturday, November 12, 2016

कविता :| प्यार में उंच नीच नहीं देखते है.


सिड्रेंला और लैला
में बहस एक दिन
जमकर हुई 

लैला सिड्रेंला
की किस्मत को
बेहतर बता गई
सिड्रेंला को लैला
ने कहा देखो
फर्श से तू अर्श
पर पहुंच
गई
मैं महलों की रानी
होकर अकेली ही रह गई.
कुछ इस तरह वो फ़कीरी
को वो अमीरी से बेहतर
बता गई
और कह गई प्यार में
उंच और नीच
की बात गलती से भी ना करना
कभी.

शिल्पा रोंघे

No comments:

Post a Comment

होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।