Friday, September 13, 2019

हिंदी दिवस पर.......

हिंदी दिवस पर.......
हिंदुस्तान के ह्रदय में बसती हूं।
शान से कहती हूं मैं भाषा हिंदी हूं।

शिल्पा रोंघे

गायब होती पीढ़ियां

अब गायब हो रही वो पीढ़ी
जो रफ्फू कर लेती थी कपड़ों के
साथ अपने सपनों को।

अब गायब हो रही वो पीढ़ी
जो मिट्टी के बर्तन में स्वाद पकाती थी।
चूल्हे पर सिकती रोटी संग
भविष्य की पीढ़ियां महकाती थी।

अब गायब हो रही वो पीढ़ी जो सिलबट्टे
पर लहसून, मिर्ची, कैरी का जायका पीसा करती थी
जीवन के खट्टे मीठे पलों का आनंद लिया करती थी।

अब गायब हो रही वो पीढ़ी जो घर घर
कथा सत्संग सुनने जाती थी और बड़ी आस्था से सुनाती थी।

कठपुतली कला की तरह
तरह वो भी एक दिन अप्रचलित
हो जाएगी, श्वेत श्याम चित्रों में
सिमटकर रह जाएगी।
साथ अपने वो कहावतें,
किस्से कहानियां, समझाइशे भी ले जाएगी।
शिल्पा रोंघे


Thursday, September 12, 2019

सचमुच

सच को कड़वा ही रहने दो दोस्तो.
गर वो मीठा होता तो तिजारत ही बन जाता.
 
शिल्पा रोंघे

Tuesday, September 10, 2019

दिल की बात

ज़िंदगी के उस मोड़ पर हूं,
कि दिल को किसी का होना या ना होना
मायने नहीं रखता।
शिल्पा रोंघे

तेरी मेरी बात

ना मेरी रज़ा है ना तेरी ख़ता है
करे भी कोई क्या कि तेरा 
मेरा दौर ही जुदा है।

शिल्पा रोंघे 

Sunday, September 8, 2019

नीर

नीर बिन मछली का, 
नीर में मानव का घर 
संभव नहीं.

जिसकी जैसी श्वास 
वैसा उसका जीवन.

साथ रहकर भी 
अलग रहते समुद्र 
और तट.

केवल बाढ़ और तूफ़ान 
ही कर सकता है स्थिती
विकट.

इसलिए विविधता 
का सम्मान करना 
सीख हे मनुष्य.

शिल्पा रोंघे 

Saturday, September 7, 2019

हंसी

रूलाने वालों की कमी नहीं दुनिया में,
गर हंसाने वाला मिल जाए, तो जाने 
ना देना छोड़कर गलती से.

Wednesday, September 4, 2019

शिक्षक दिवस

शिक्षक दिवस 

मन के अंधेरे कोने 
में ज्ञान का दीप जलाया. 
शिक्षक ने ही समाजिक प्राणी 
मनुष्य को बनाया.

शिल्पा रोंघे 

Tuesday, September 3, 2019

ऐसा भी होता है

लेखक 
लिखते वक्त, 
अन्तर्मुखी से बहिर्मुखी,
बहिर्मुखी से अन्तर्मुखी 
व्यक्तित्व में ढल जाते है.

शिल्पा रोंघे 

Monday, September 2, 2019

काश

काश कोई आईना ऐसा भी होता.
क्या मंजूर है दुनिया बनाने वाले को,
पहले से ही बता देता, दिल 
की उलझन को चुटकियों में ही 
सुलझा देता.

शिल्पा रोंघे 

गणेश चतुर्थी पर

बुद्धि और विवेक 
का कभी ना नाश हो
गणपति बप्पा का 
जिस घर में निवास 
हो.
शिल्पा रोंघे 

Sunday, September 1, 2019

सोने की चिड़िया ?

फ्रेंच के साथ फ्रांसीसी 
जर्मन के साथ जर्मनवासी,
जापानी भाषा के साथ जापान निवासी बना गए देश को विकसित और उन्नत.
अंग्रेजी सभ्यता के बनकर
अनुगामी, विकासशील 
से विकसित राष्ट्र का 
सफर अब तक क्या 
तय कर पाए है हिन्दुस्तानी ?


शिल्पा रोंघे 

होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।