पांच पावन दिन जब
मिलते तो बनता
दीपों का हार.
रोशनी की सजती
हर घर बारात.
फूलों के तोरण
से बाग सा सुंदर
लगता हर घर
द्वार.
सात रंग की रंगोली
से होता इंद्रधनुष
सा आभास.
हर घर की रसोई
में महकती मीठे
नमकीन पकवानों
की सुगंध.
कुछ इस तरह
स्नेह और उल्लास
से मनाया जाता
है दीपावली का
त्यौहार.
शिल्पा रोंघे
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