Tuesday, November 27, 2018

बचपन की यादें

आसमान के तारें
गिनना नामुमकिन
था, ऐसे में नींद का
आना तय था, मासूम
मन का असंख्य तारों को
गिनने का शौक भी
निराला था.

शिल्पा रोंघे

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