उम्र हमारी बढ़ रही तो क्या ?
समाज ने कायदा बनाकर
रखा है वधु की उम्र कितनी
भी कम चलती है तो सारी
उम्र ढूंढने में लगा देंगे.
हम कम सुंदर है तो क्या हुआ.
समाज ने कायदा बना के रखा
है.
लड़की तो सुंदर होनी चाहिए
चांद सी उजली, आंखें उसकी
हिरणी सी चंचल, होंठ गुलाब
से होने चाहिए.
कहती है दुनिया घर चलाना
पुरूषों का काम है, लेकिन
हम आधुनिक पुरूष ये
अन्याय नहीं सहेंगे
आधा खर्चा उसे
करने को कहेंगे.
एक दो डिग्रियों से
कहां काम चलता है
साहब हम अपनी
तरह उसे डिग्रियों
का ढ़ेर लगाने
को कहेंगे.
चाहे थक जाए
दिन भर वो घर
के काम में, हाथ
बंटाना समाज
के कायदों के
खिलाफ़ है.
अपनी मूंछों
पे ताव देकर
हम ये बात
कहेंगे क्योंकि
दुनिया के कायदे
हमें ध्यान में रखकर
लिखे गए है.
शिल्पा रोंघे
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