जमीन पर भी पैर संभाल कर रखा
करते है, कहीं मैले ना हो जाए कदम.
सांस भी संभालकर लिया करते
है.
ना सूरज की रोशनी
में खुद को तपने देते
है.
पानी भी सोच समझकर पीते है.
वो जो लोग बड़ी बड़ी
बातें किया करते है,
क्या सचमुच जमीन
से जुड़े होते है.
क्या जो वो कहते है
खुद भी अमल
में लाते हैं ?
शिल्पा रोंघे
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