महंगे गहनों का शौक रखती होगी.
आलिशान घर की चाहत रखती होगी.
दौलत की ख्वाहिश रखती होगी.
रुको ज़रा किसी औरत के बारे
में सोचने से पहले.
अक्सर औरत इन सबके बारे
में सोचती भी नहीं.
कभी कभी वो स्नेह, सम्मान
की चाहत ही
रखती है जिसे देना हर
किसी के बस की बात नहीं.
शिल्पा रोंघे
I like to write Hindi poetry in comprehensive language, which try to depict different situation and state of mind of human beings. All Rights reserved ©Shilpa Ronghe
Friday, November 23, 2018
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होली
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