हम भी किसी का पहला और आखिरी प्यार होते, हम भी किसी का पहला और आखिरी ख़त होते, अगर हम भी दौलत वाले और खूबसूरत होते।
I like to write Hindi poetry in comprehensive language, which try to depict different situation and state of mind of human beings. All Rights reserved ©Shilpa Ronghe
Saturday, June 1, 2024
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मेघा
देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस फिर से, ...
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पांच पावन दिन जब मिलते तो बनता दीपों का हार. रोशनी की सजती हर घर बारात. फूलों के तोरण से बाग सा सुंदर लगता हर घर द्वार. सात ...
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हवा ने बहना ही छोड़ दिया. पत्तों ने सांस लेना ही बंद कर दिया. ना चिड़ियां की चूं चूं ना कोयल की कू कू लगता है कुछ यूं ग्रीष्म म...
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तेरे कदमों की आहट पर पायल छनके, चुड़ियां खनके, भंवरों का गुंजन हो, पंछियों के कलरव और पानी की कल कल से कुछ ऐसा गीत संगीत बन...
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