Thursday, February 29, 2024

नफ़रत या मोहब्बत

 बंद करके रख दो घर की किसी अलमारी में नमक या मरहम, क्योंकि भरे हुए ज़ख़्म पर ये दोनों ही काम नहीं करते हैं। ये जान लो, मुझसे नफ़रत या मोहब्बत करने वालों।

शिल्पा रोंघे

Wednesday, February 28, 2024

महिला दिवस

 


बिना किसी शर्त के प्रेम करे, राधा सी ऐसी 

प्रेयसी

बनो।  

मुश्किलों में दे 

पति का साथ, ऐसी 

पत्नी सीता सी  तुम बनो। 

जीजा बाई की तरह माँ  बनो, जो दे अपने बच्चों को साहस की प्रेरणा. 

रानी लक्ष्मीबाई, और  रानी दुर्गावती की तरह 

वीरता की  मूर्ति बनो।

मीरा सी भक्त बनो, जो विपत्तियों में भी भक्ति का राग ना छोड़े।

महिला सशक्तिकरण की

करे जो बिना डरे बात, सावित्रीबाई फुले  सी तुम नारी बनो।


शिल्पा रोंघे

Monday, February 26, 2024

ज़िंदगी

 ज़िंदगी को चलाने के लिए इंसान शहरों की तरफ भागता है और फिर अपनी सांसों को जिन्दा रखने के लिए जंगल, जल किनारे और गाँव की तरफ लौटता है।


तितली

इतराती है, इठलाती है, शर्माती है, कहां जान पाया है उसे कोई आज तक? दिखे कोई मनुष्य तो झट से गायब हो जाती है, लगता है ऐसा कि कई फूलों से रंग चुरा कर वह अपने पंखों पर सजाती है. मेरे सपनों में जब भी वह आती है, मुस्कुराती है और गीत कुदरत के गाती है.

Sunday, February 25, 2024

चाटुकारिता

 चाटुकारिता भी अपनी सीमा पार कर चुकी है। कुछ लोग  बेरोज़गारी को मन का वहम मानते हैं. हरा चश्मा लगाने से सूखी घास, हरी नहीं हो जाती है.

Saturday, February 24, 2024

समझदारी

 कुछ मर्द औरतों में सिर्फ़ खूबसूरती देखते हैं, और कुछ औरतें मर्दों में सिर्फ़ समझदारी ढूंढती हैं। बस, यही सोच दोनों को बेमेल बना देती है।

Thursday, February 22, 2024

दौर में



"सोच समझ कर रूठना इस दौर में, क्योंकि सताने वाले तो बहुत मिलेंगे, लेकिन मनाने वाले बहुत कम।"

Monday, February 19, 2024

मिट्टी

मिट्टी से उपजा हूँ?, तो मिट्टी से परहेज कैसा? धूप, पानी, और धूल मेरे लिए हैं, बिन मांगे मिले दहेज जैसा?

Sunday, February 18, 2024

मोहब्बत

 हर किसी के नसीब में नहीं होती सच्ची मोहब्बत, ये समझ लेना भी एक तरह की समझदारी है। ना बरबाद करो ज़िंदगी के अनमोल लम्हों को यूँ ही, क्योंकि यहां हर सांस कीमती है। कल क्या होगा? किसने देखा? लेकिन खुद से मोहब्बत कर लेना भी एक तरह की ईमानदारी और वफ़ादारी  है। 

Saturday, February 10, 2024

चांद सी

कहते हैं लोग प्यार सूरत नहीं, सीरत देख कर होता है, लेकिन शायरी में हमेशा महबूबा चांद सी और महबूब रात सा क्यों होता है?

Thursday, February 8, 2024

प्रेमपत्र

गुमशुदा की तलाश जारी रखो, लेकिन सच्चे प्यार की उम्मीद न रखो, क्योंकि इंटरनेट के आविष्कार  साथ ही यह गायब हो चुका है.

जब लोगों के पास हाथ से प्रेमपत्र लिखने और पढ़ने का समय न हो, तब इस अधीर युग में सच्चे प्रेम की बात करना बेमानी है।


शिल्पा रोंघे

Wednesday, February 7, 2024

साबित

दूसरों के नैतिक मूल्यों की आलोचना करने वाले लोगों को दूसरों से दया, करुणा, सहानुभूति, और क्षमा की उम्मीद  करनी चाहिए 
नहीं.

खुद को सही साबित करने के लिए दूसरों को गलत साबित करना जरूरी नहीं। 

तुम हजार सफेद फूलों के बीच पीला फूल बनो। तुम्हारे खिलने के लिए दूसरे फूलों का मुरझाना जरूरी नहीं।

Tuesday, February 6, 2024

फरवरी

 इस फरवरी, खुद को  ही तोहफा देंगे। घर में लगे गुलाब से गुलकंद, इत्र, और गुलाब जल बनाएंगे।🌹🌠💖

रिश्ता

शिकायत कम, सुलह ज्यादा होती है। 

स्वार्थ कम, त्याग ज्यादा होता है। 

मनमुटाव कम और  

सामंजस्य

ज्यादा होता है। 

हमेशा तो नहीं, लेकिन रिश्ता वही

ज्यादातर सफल होता है जो बराबरी में होता है।

शिल्पा रोंघे

Saturday, February 3, 2024

सफलता की सीढ़ी

अब महल भी होंगे,खिड़कियाँ भी होंगी

लेकिन साफ  

साँसें

नहीं होंगी।

रंग-बिरंगे छाते भी होंगे बाजार में, 

लेकिन बारिश कम होगी।

पशु-पक्षी करेंगे इंसानी बस्ती का रुख,

ख़ौफ़ में मानव यहाँ-वहाँ दौड़ेंगे।

जब नहीं बचेंगे जंगल, तब तवे सी तपेगी धरा,

हम तो सुख-सुविधाओं में रहेंगे, लेकिन

गायब हो जाएगी अगली पीढ़ी, तो क्या

यही है  

कलियुग

में सफलता की सीढ़ी।  


Thursday, February 1, 2024

दुनिया

 दुनिया के कयासों पर नहीं, सिर्फ अपने प्रयासों पर ध्यान दो, क्योंकि सिर्फ यही तुम्हारे बस में है।

होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।