ना देखा, ना मिली, ना महसूस
किया फिर भी उपरवाले में
यकीन करती हूं.
जो नहीं देता वो और देना
चाहता है वो उस पर छोड़
देती हूं.
क्योंकि गुजरा वक्त
गवाह है जो भी हुआ अच्छा
हुआ, नहीं हुआ वो भी अच्छा हुआ
और जो होगा वो भी अच्छा
होगा.
बस मैं अपना काम करती रहूं ऐसा साहस मुझमें भरता रहे यही चाह है मेरी.
शिल्पा रोंघे
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