Saturday, November 24, 2018

कब होगा ये सिलसिला ख़त्म

तेरे ख्यालों 

से दिन शुरू 

होता है,

 तेरे ख्यालों 

से दिन ढलता 

है.

रात भी चैन

से सोने नहीं 

देती.

ना जाने क्यों ख़्वाबों 

में भी तेरा बसेरा

रहता है.

कहने लगे है लोग

अब तो जिस दिन 

मेरा दम निकलेगा 

उस दिन ही ये किस्सा 

खत्म होगा.

तुम ही बता दो 

कि ज़हन से 

तुम्हारा ख़्याल 

कब निकलेगा ?

शिल्पा रोंघे 

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