Friday, June 19, 2020

अर्ज़ है

नफ़रत की चिंगारी  दिल में उतनी ही सुलगने दो

कि बुझाने में परेशानी ना हो।

मोहब्बत भी उतनी ही रखो कि

भूलाने में मुश्किल ना हो।

बातों में प्यार होता है आजकल

लेकिन इरादों में नहीं।

लगता है कि जैसे चीनी में चाय है

मगर चाय में चीनी ही नहीं।

शिल्पा रोंघे

 

 


Thursday, June 18, 2020

उम्मीद

उम्मीद भी बिकने लगी अब

अपनापन गर अपनों से ना मिल सका

तो फिर बाज़ार में क्या ख़ाक मिलेगा।

झांककर देखा अपने अंदर

तो वो ख़ुशियां भी मिल गई

जिनसे वाकिफ़ नहीं थे कभी।

शिल्पा रोंघे

Tuesday, June 16, 2020

राह

राह कभी गलत नहीं होती

पता गलत हो सकता है।

कभी कभी रास्ता नहीं

मंजिल ही बदल लेनी पड़ती है।

शिल्पा रोंघे


हिंदी चीनी

हिन्दी चीनी भाई भाई का नारा देते हैं।

सुरसा की तरह फाड़ कर मुंह ड्रैगन ये इशारा देता है।

कि हर पड़ोसी भरोसे के काबिल नहीं होता

अक्सर मीठा- मीठा  बोलकर

वो ही पीठ में छुरा घोंपा करते है।

शिल्पा रोंघे   


वो अजनबी

जो मिला नहीं ज़िंदगी की सुबह में, चाहे शाम में मिले।

नहीं पता कौन है वो, लिखा है नाम जिसका हाथों की लकीरों में।

हां ख़्वाहिश है यही बस, जब भी मिले पराया सा ना लगे।

शिल्पा रोंघे


Sunday, June 14, 2020

जीवन

कभी मुराद बिना मांगे ही पूरी हो जाएगी तो कभी चाहकर भी अधूरी रह जाएगी।

कभी वसंत होगा तो पतझड़ भी होगा।

कभी मीठा तो कभी कड़वा

जीवन का अनुभव होगा।

समझाने वाला समझा देगा।

सुनने वाला सब्र के साथ सुन लेगा।

जो हमदर्द होगा वो हमदर्दी रखेगा।

कोई अच्छी सलाह देगा, तो कोई मन को दिलासा देगा।

हर दोस्त और शख़्स किरदार अपना निभा देगा।

सच है ये भी आखिरकार जिंदगी जीने का हौंसला

हर शख़्स को खुद ही जुटाना होगा।

शिल्पा रोंघे


Saturday, June 13, 2020

जीना इसी का नाम है

कुछ इंसानों को सब कुछ मिल जाता है फिर भी वो नाख़ुश रहते हैं।

उनसे अच्छे तो वो लोग है जो आभावों में भी ख़ुश रहना सीख जाते हैं।

शिल्पा रोंघे

Friday, June 12, 2020

जादू

काले जादू सी थी उसकी मोहब्बत।

ना ज़हन से उतरी, ना घर बना पाई।


Thursday, June 11, 2020

कुदरत की खुदगर्ज़ियां

यूं ही नहीं होता नाराज़ किसी से कोई,

ज़रुर उस बेरुख़ी के पीछे कोई तो वजह होगी।

गर करती होगी कुदरत मनमानी,

तो ज़रुर इसके पीछे इंसान की ही खुदगर्ज़ियां छिपी होंगी।

शिल्पा रोंघे


आत्ममंथन

पूरा वक्त आत्ममंथन को ही दे देती हूं।

तो मेरा मुकाबला मुझ से ही होता है हर रोज।

हां प्रतिस्पर्धा मैं खुद से ही करती हूं,

खुद ही अपनी कमियां गिनती हूं और दूर करती हूं।

इस तरह वाद- विवाद से खुद को दूर रखती हूं।

शिल्पा रोंघे


Monday, June 8, 2020

मेरे दिल की बात

मेरी वजह से दिल ना दुखे किसी का ये ज़रुरी है,

लेकिन अपने दिल की सेहत का ध्यान रखना तो सिर्फ मेरी

ही जिम्मेदारी है।

कोई मुझे पसंद करता है या नहीं, इसकी फ़िक्र

करना मेरा काम नहीं, क्योंकि इंसान की ज़िंदगी

की मियाद सदियों सी लंबी होती नहीं है।

शिल्पा रोंघे 

Sunday, June 7, 2020

नदी की तमन्ना

नदी की तमन्ना........

सात समंदर में से उस समंदर मिल जाना है,

जिसकी सीप भी मैं, मोती भी मैं

साहिल भी मैं और लहरों में उठने वाली मौज भी मैं।

बूंदों से बनने वाला संगीत भी मैं।

और हां सागर की आखिरी प्रीत भी मैं।

मीरा का प्रेम

गर पाना ही आखिरी मकसद होता।

तो मीरा का प्रेम यूं अमर ना होता।

Saturday, June 6, 2020

ए अजनबी

काफ़ी सोचा कौन हो तुम ?

ए अजनबी अब तुम पर छोड़ दिया कि तुम्हारे कौन है हम ?


मध्यम वर्ग

मध्यम वर्ग अब खेत जोतने

वाले उस बैल की तरह बन

चुका है, जिसे पसीना बहाते हुए कर्तव्य तो निभाना है, लेकिन अपने अधिकारों की बात पर गुपचुप बैठ जाना है।

संस्कारों की पाठशाला में पढ़ने वाला बच्चा अब नैतिक शिक्षा के मायने ढूंढने में लगा है।

बिना शोर मचाए तिनके के सहारे तैरने लगा है, अंजान मंजिल की आस में

क्योंकि वो इसे ही अपनी नियती मान चुका है।

 

शिल्पा रोंघे


होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।