Sunday, June 7, 2020

नदी की तमन्ना

नदी की तमन्ना........

सात समंदर में से उस समंदर मिल जाना है,

जिसकी सीप भी मैं, मोती भी मैं

साहिल भी मैं और लहरों में उठने वाली मौज भी मैं।

बूंदों से बनने वाला संगीत भी मैं।

और हां सागर की आखिरी प्रीत भी मैं।

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होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।