कभी मुराद बिना मांगे
ही पूरी हो जाएगी तो कभी चाहकर भी अधूरी रह जाएगी।
कभी वसंत होगा तो
पतझड़ भी होगा।
कभी मीठा तो कभी कड़वा
जीवन का अनुभव होगा।
समझाने वाला समझा
देगा।
सुनने वाला सब्र के
साथ सुन लेगा।
जो हमदर्द होगा वो
हमदर्दी रखेगा।
कोई अच्छी सलाह देगा,
तो कोई मन को दिलासा देगा।
हर दोस्त और शख़्स
किरदार अपना निभा देगा।
सच है ये भी आखिरकार जिंदगी
जीने का हौंसला
हर शख़्स को खुद ही
जुटाना होगा।
शिल्पा रोंघे
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