Saturday, May 30, 2020

विश्व तंबाकू निषेध दिवस

ना जाने क्यों लोग यमदूत के आगमन की प्रतीक्षा करते हैं।

पैकेट पर लिखी चेतावनी को नज़रअंदाज़ करते हैं।

जानकर भी अंजान वो बनते है,

जो तंबाकू और धुम्रपान से मित्रता करते है।

फेफड़ों, गले, दिल और मुंह के लिए खुद

ही कब्र खोदकर रखते है।

धुएं की गिरफ़्त में आकार ना कितने लोग

अपना जीवन बर्बाद करते है।

शिल्पा रोंघे

 


गलतफ़हमी

हम अच्छे है इसे आत्मविश्वास कहते है,

और केवल हम ही अच्छे है इसे गलतफ़हमी कहते है।



Wednesday, May 20, 2020

सीखने की प्रक्रिया

सीखना एक अनंत प्रक्रिया है।

जो अंतिम श्वास तक ख़त्म नहीं होती है।

शिल्पा रोंघे


Wednesday, May 13, 2020

ख़ुद्दारी

किसी का घमंड तोड़ना मेरा इरादा नहीं,
बची रहे ख़ुद्दारी मुझमें बस मेरा है फ़र्ज यही।

रिश्तों की उलझन

लोग कहते है रिश्तें बराबरी में ही अच्छे लगते हैं।

असल में जो है बराबरी में, वो आसमान की तरफ़ देखते हैं।

शिल्पा रोंघे

Monday, May 11, 2020

तेरा मेरा मेल

मैं नदी का किनारा,

तू झील का भंवर।

मैं वृक्ष बरगद सा,

तू मौसमी पक्षी।

मैं नीला अंबर

तू उड़ती फिरती काली घटा

तो कभी इंद्रधनुषी छटा।

मैं चांद सा

तू चंचल हवा सा,

अब तू ही ये बता

कि कैसे होगा मेल

तेरा और मेरा।

शिल्पा रोंघे

 


तन्हा

जो लोग ताउम्र तन्हा रहते है

वो प्रेम को उनसे ज्यादा

समझते है जो एक साथ होते है।

क्योंकि कद्र उसकी ही होती

है जिसकी जिंदगी में कमी होती है।

शिल्पा रोंघे


Friday, May 8, 2020

राजनीति

साम, दाम, दंड, भेद अनंतकाल से राजनीति की बुनियाद रहा है,

उस पर उग आए पेड़ों से फल और फूल की अपेक्षा करना ही बेमानी है।

शिल्पा रोंघे

Thursday, May 7, 2020

मन की भूमि

सीलन लगे गोदाम में अनाज रखा नहीं रखा जाता,

जब लग जाए लोहे को जंग तो  इस्तेमाल

उसे औजार में किया नहीं जाता।

तो फिर क्या रुखे सूखे मन से

कोई काम किया सकता है भला ?

मन की बंजर भूमि को सींचते रहिए खुद ही,

हमेशा बारिश के इंतज़ार में वक्त बर्बाद

नहीं किया जाता।

शिल्पा रोंघे


Tuesday, May 5, 2020

बुद्ध पूर्णिमा के लिए

करूणा और धैर्य सिखला गये,

तलवार के दम पर दुनिया जीतने

वाले सम्राट को तुम शांति का दूत बना गए।

मिला बोध वृक्ष की छांव तले

तो सिद्धार्थ से बुद्ध

हो गए।

अपनी मंद मुस्कान से

क्रोध करने वाले को

भी संयम का पाठ पढ़ा गए।

शिल्पा रोंघे

 

 

 

 


Monday, May 4, 2020

शहादत


नमन है उन वीर जवानों को जो जान हथेली पर लेकर चलते हैं।
देश की रक्षा के लिए प्राण अपने न्यौछावर करते हैं।


Sunday, May 3, 2020

वक्त का फ़ैसला


वक्त ना कभी ठहरा है ना ठहरेगा
रुक भी जाए अगर दीवार पर टंगी हुई घड़ी,
फिर भी होता वक्त पर अंधेरा और उजाला है।
उसके फ़ैसले को कहां कोई बदल
पाया।
स्टेशन से छूटी ट्रेन भी
रुक जाती है जंजीर के खींचने से,
लेकिन वक्त तो गूंगा और बहरा है
वो कहां किसी के हिसाब से चलता  है
उसकी अपनी ही रफ़्तार है
और अपनी है एक चाल है।
शिल्पा रोंघे


Saturday, May 2, 2020

हास्य दिवस

नहीं पता क्या रंग होता है ख़ुशी का,
लेकिन ख़ुशमिज़ाज होता है वो इंसान जिसने थाम लिया
हाथ हंसी का।

शिल्पा रोंघे 

Friday, May 1, 2020

सफाई कर्मियों का आभार

अपने घर की सफाई तो सभी करते है।
किरदार तो वो महान है जो दूसरों का फैलाया हुआ कचरा उठाते है।
शिल्पा रोंघे

होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।