Tuesday, May 5, 2020

बुद्ध पूर्णिमा के लिए

करूणा और धैर्य सिखला गये,

तलवार के दम पर दुनिया जीतने

वाले सम्राट को तुम शांति का दूत बना गए।

मिला बोध वृक्ष की छांव तले

तो सिद्धार्थ से बुद्ध

हो गए।

अपनी मंद मुस्कान से

क्रोध करने वाले को

भी संयम का पाठ पढ़ा गए।

शिल्पा रोंघे

 

 

 

 


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होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।