Monday, May 11, 2020

तेरा मेरा मेल

मैं नदी का किनारा,

तू झील का भंवर।

मैं वृक्ष बरगद सा,

तू मौसमी पक्षी।

मैं नीला अंबर

तू उड़ती फिरती काली घटा

तो कभी इंद्रधनुषी छटा।

मैं चांद सा

तू चंचल हवा सा,

अब तू ही ये बता

कि कैसे होगा मेल

तेरा और मेरा।

शिल्पा रोंघे

 


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