Friday, June 19, 2020

अर्ज़ है

नफ़रत की चिंगारी  दिल में उतनी ही सुलगने दो

कि बुझाने में परेशानी ना हो।

मोहब्बत भी उतनी ही रखो कि

भूलाने में मुश्किल ना हो।

बातों में प्यार होता है आजकल

लेकिन इरादों में नहीं।

लगता है कि जैसे चीनी में चाय है

मगर चाय में चीनी ही नहीं।

शिल्पा रोंघे

 

 


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