Tuesday, November 27, 2018

क्या ये प्यार है

सारे विकल्पों 

को छोड़ के गर 

सिर्फ कोई तुम्हें 

चुने तो मजबूरी 

नहीं प्रेम है ये.

अपनी फिक्र छोड़कर

कोई तुम्हे चुने तो बेवकूफ़ी 

नहीं प्रेम है ये.

चाहने वाले बहुत 

मिलेंगे मतलब के लिए.

बिना मतलब के चाहने 

वाला कोई मिले.

तभी उसे प्रेम का नाम दे.

वरना महज एक विकल्प 

भर कहे.

शिल्पा रोंघे


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