Thursday, February 1, 2024

दुनिया

 दुनिया के कयासों पर नहीं, सिर्फ अपने प्रयासों पर ध्यान दो, क्योंकि सिर्फ यही तुम्हारे बस में है।

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मेघा

देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस  फिर से, ...