Tuesday, September 3, 2019

ऐसा भी होता है

लेखक 
लिखते वक्त, 
अन्तर्मुखी से बहिर्मुखी,
बहिर्मुखी से अन्तर्मुखी 
व्यक्तित्व में ढल जाते है.

शिल्पा रोंघे 

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