नीर बिन मछली का,
नीर में मानव का घर
संभव नहीं.
जिसकी जैसी श्वास
वैसा उसका जीवन.
साथ रहकर भी
अलग रहते समुद्र
और तट.
केवल बाढ़ और तूफ़ान
ही कर सकता है स्थिती
विकट.
इसलिए विविधता
का सम्मान करना
सीख हे मनुष्य.
शिल्पा रोंघे
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