Saturday, January 2, 2021

ख़्वाब

 

चलो अब ख़्वाहिश उसी की रखेंगे जो मुक्कमिल ना हो सके, पहले से ये मालूम हो।

कुछ इस तरह से बेवजह की आफ़तों से छुटकारा कर लो।

ख़्वाब को ख़्वाब ही रहने दो।

हकीकत की ज़मीन पर गिरा कर उसे मटमैला ना होने दो।

शिल्पा रोंघे

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