Wednesday, April 17, 2019

धरोहर दिवस



सदियों से संस्कृति और परंपरा 
की अमिट पहचान है.
धरोहर ही देश की आन बान 
और शान है.
शिल्पा रोंघे 

No comments:

Post a Comment

मेघा

देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस  फिर से, ...