ज्ञान,
मनोरंजन,
नैतिक मूल्य,
संवेदना,
विचार,
कल्पनाशीलता,
अनुसंधान,
दूरदर्शिता,
हर पन्ने पर
को जब भी पढ़ा
तब एक सीख
है मिली.
समुद्र की गहराई में
छिपा हर एक शब्द सा मोती सा
लगा.
कैसे हो सकती थी
मानव सभ्यता प्रफुल्लित
तुम्हारे बिना, ये सचमुच
प्रश्न बड़ा सा ?
शिल्पा रोंघे
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