Tuesday, August 20, 2019

जन्माष्टमी के लिए

श्याम वर्ण,
माथे पर सजा है मोर मुकुट.

बांसुरी की धुन में मगन 
गोकुल का ग्वाला.

माखन चुराए नंदलाला 
फिर भी सबका दुलारा.

अपनी उंगली पर 
गोवर्धन पर्वत का भार उठाया. 

यमुना के जल में,
कालिया के फन पर होकर सवार 
किया अंहकार का मर्दन.

सुदामा के मित्र बने, अर्जुन 
के सारथी, देवकी ने जन्म 
दिया और मैया यशोदा ने पाला.

नटखट नैन, बड़े ही चंचल 
सुदर्शन चक्रधारी, लीलाधर,
श्री हरी.

द्वापर के कन्हैया, 
कलियुग में मीरा के आराध्य, 
है गिरधर गोपाल.

शिल्पा रोंघे 

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