Wednesday, September 30, 2020

महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध के लिए...

 

थोड़ी थोड़ी पशुता हर मनुष्य

में होती है।

जो कि संस्कार तो कभी आत्मनियंत्रण

से सोई रहती है।

जब जाग जाती है तो

मानव को पशु से भी बदतर

बना देती है।

मानवियता की सारी

सीमाओं का उल्लंघन कर डालती है।

शिल्पा रोंघे

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