Sunday, December 27, 2020

भाषा

 

ना बेहतर होती है ना कमतर होती है

कोई भी भाषा केवल संवाद का माध्यम होती है।

शिल्पा रोंघे

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मेघा

देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस  फिर से, ...