उंगलियों पर ना गिनों
कितने है चाहने वाले
खुशकिस्मत समझना
खुद को तुम जब कसकर थाम
लें अपने हाथों से कोई उंगली तुम्हारी मरते दम
तक के लिए.
शिल्पा रोंघे
कितने है चाहने वाले
खुशकिस्मत समझना
खुद को तुम जब कसकर थाम
लें अपने हाथों से कोई उंगली तुम्हारी मरते दम
तक के लिए.
शिल्पा रोंघे
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