Monday, September 24, 2018

चांद की कहानी बालमन की ज़ुबानी-कविता

चांद की कहानी बालमन की ज़ुबानी-कविता

चलते है हम जब जमीं पे तब
वो क्या हमारे साथ चलता है ?

कभी आधा होकर फिर पूरा
और पूरा होकर आधा कैसे
हो जाता है ?

क्या वो दिन में सोता
और रातभर जागता रहता है ?

क्या वो सचमुच हमारा मामा होता है ?

बाल मन कहां विज्ञान और तकनीक की
समझता है.

वो तो बस लोरियों और
कहानियों पर ही यकीं करता हैं.

शिल्पा रोंघे

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