चांद की कहानी बालमन की ज़ुबानी-कविता
चलते है हम जब जमीं पे तब
वो क्या हमारे साथ चलता है ?
कभी आधा होकर फिर पूरा
और पूरा होकर आधा कैसे
हो जाता है ?
क्या वो दिन में सोता
और रातभर जागता रहता है ?
क्या वो सचमुच हमारा मामा होता है ?
बाल मन कहां विज्ञान और तकनीक की
समझता है.
वो तो बस लोरियों और
कहानियों पर ही यकीं करता हैं.
शिल्पा रोंघे
चलते है हम जब जमीं पे तब
वो क्या हमारे साथ चलता है ?
कभी आधा होकर फिर पूरा
और पूरा होकर आधा कैसे
हो जाता है ?
क्या वो दिन में सोता
और रातभर जागता रहता है ?
क्या वो सचमुच हमारा मामा होता है ?
बाल मन कहां विज्ञान और तकनीक की
समझता है.
वो तो बस लोरियों और
कहानियों पर ही यकीं करता हैं.
शिल्पा रोंघे
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