ना जाने कैसे झूठे रिश्तों की नाव
बना लेते है लोग.
फिर उसे मतलब के ज़ज्बातों पर बहा
लेते है लोग.
लेते है लोग.
ना जाने कैसे जाली नोटों
सा बनकर बेशकीमती
जिंदगी को यूं ही
चला लेते है लोग
सा बनकर बेशकीमती
जिंदगी को यूं ही
चला लेते है लोग
शिल्पा रोंघे
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