हर बार सच्चाई की सफाई देना जरुरी नहीं
कभी कभी सही वक्त सब कुछ
साफ कर देता है
अपने आप ही
सूरज को ढकने
की कोशिश करता है
बादल हर कभी
लेकिन उसे रोशनी देने
से रोक सका है
क्या वो कभी.
कभी कभी सही वक्त सब कुछ
साफ कर देता है
अपने आप ही
सूरज को ढकने
की कोशिश करता है
बादल हर कभी
लेकिन उसे रोशनी देने
से रोक सका है
क्या वो कभी.
शिल्पा रोंघे
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