हरी भरी सब्जियों और अनाज से
भरी है धरा ये सारी
फिर क्यों होता है मुझ
पर अत्याचार.
हूं मूक लेकिन
होता है दर्द मुझे भी अपार
हो सके तो दिला दो
मुझे इस पीड़ा से निजात.
है सिर्फ गुज़ारिश एक बस अपना लो शाकाहार.
सुन लों एक प्राणी के
दिल की आवाज.
शिल्पा रोंघे
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