के अंक ही सफलता
का अंकशास्त्र लिखते है ?
क्या यही सफलता की
आखिरी सीढ़ी होते है ?
अंकों का अतीत ही सुनहरे
भविष्य की गारंटी हो सकता है ?
समझ गया जो जीवन को बहुमूल्य
समझ ले वो ये भी, सफलता असफलता अंकों से परे होती है, ये दृष्टिकोण में
होती है, प्रमाणपत्रों तक ही सीमित नहीं.
शिल्पा रोंघे
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