गलत लोगों से रूबरू
होना भी ज़रूरी है,
ज़िंदगी में सही
लोगों की पहचान के लिए.
🙂🙂🙂
शिल्पा रोंघे
होना भी ज़रूरी है,
ज़िंदगी में सही
लोगों की पहचान के लिए.
🙂🙂🙂
शिल्पा रोंघे
I like to write Hindi poetry in comprehensive language, which try to depict different situation and state of mind of human beings. All Rights reserved ©Shilpa Ronghe
देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस फिर से, ...
No comments:
Post a Comment