Tuesday, January 22, 2019

अनकहे ज़ज्बात

अनकहे ज़ज्बातों की दुनिया 
बड़ी ख़ामोश होती है.

ज़ुबा कुछ कहती नहीं पर
पत्तों और हवा की जुगलबंदी 
कुदरत के गीत सुनाती है.

महकते फूलों पर भंवरों का गुंजन 
सात सुरों सा अहसास कराता है.

शिल्पा रोंघे 

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