अनुशासित व्याकरण,
सहज शब्दावली,
देवनागरी लिपि
में लिखी भाषा
हमारी.
कश्मीर से कन्याकुमारी
तक है प्रसार इसका.
लांघ कर सीमा
देश की हुआ प्रचार इसका.
फिजी, नेपाल, त्रिनिदाद टोबैगो,
मॉरीशस, सूरीनाम में फहराया
परचम भारतीय संस्कृति का.
संस्कृत की ये बेटी पढ़ाती
सबको एकता का
पाठ.
विदेशी भाषा के बिना
विदेशी संस्कृति को
जान पाना नहीं आसान,
वैसे ही अधूरा हिंदी के बिना देश
की संस्कृति, समाज, इतिहास, मानसिकता का
पूरा और सटीक ज्ञान.
शिल्पा रोंघे
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