Monday, March 30, 2020

बात ताज़ा दौर की....



काश दुनिया ने ज़रा जल्दी ही
चेहरे पर अपने नकाब लगाया होता,
फ़ासला बढ़ाया होता,
और चेताया
होता तो शायद ये मंज़र
जैसा है आज वैसा ना होता।

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