देवकी -वसुदेव को बिना वजह कारावास मिला.
राम -सीता को वनवास मिला,
पांडवों को अज्ञातवास मिला।
शकुन्तला को दुष्यन्त से अलगाव का श्राप मिला।
सच्चे और ईमानदार लोगों को ही जीवन में कष्ट मिलता है, यह याद रखना।
I like to write Hindi poetry in comprehensive language, which try to depict different situation and state of mind of human beings. All Rights reserved ©Shilpa Ronghe
देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस फिर से, ...
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