मिलना नहीं है चकोर
को चाँद से कभी
बस ताकते रहना है.
को चाँद से कभी
बस ताकते रहना है.
परवाने की
किस्मत में शम्मा
की लौ को बस
ताकते रहना है.
किस्मत में शम्मा
की लौ को बस
ताकते रहना है.
मिलना नहीं है
जानते है सब
जानते है सब
बस दीदार ही
जीने का बहाना
है.
जीने का बहाना
है.
चलों साथ का
नहीं
तो एक झलक पाना ही
अब लगने लगा सुहाना है.
नहीं
तो एक झलक पाना ही
अब लगने लगा सुहाना है.
शिल्पा रोंघे
No comments:
Post a Comment