ना जाने प्यार जैसे
ज़ज्बाती शब्द
को यूं हल्के
में कैसे ले लेते
है लोग
जब चाहे
इज़हार कर
दो
और जब निभाने
की बारी आए तो
साफ़ मुकर जाओ
ज़ज्बाती शब्द
को यूं हल्के
में कैसे ले लेते
है लोग
जब चाहे
इज़हार कर
दो
और जब निभाने
की बारी आए तो
साफ़ मुकर जाओ
शिल्पा रोंघे
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