Saturday, March 16, 2019

स्त्री के लिए

ज़रूरी नहीं कि हर बार पुरुष अंह की 
चक्की पर ही स्त्री की इच्छाएं पिसती
है, कभी कभी वो खुद ही बागी कहलाने 
के डर से उन पर विराम लगा 
लेती है.

शिल्पा रोंघे 

No comments:

Post a Comment

होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।