ना माफ़ी की उम्मीद रखते है,
ना वापसी की ख़्वाहिश रखते है,
जो दुखाते है दिल
उनसे ज़िंदगी में फिर कभी
ना हो मुलाकात बस यही चाहत
रखते है.
क्या करेंगे बैर रखकर,
दुश्मनों को भी भूल जाने की दिल में आदत
रखते हैं.
शिल्पा रोंघे
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