दिल के मेले में,
अकेले में,
याद करोगे
माहिया, मुझे तुम एक दिन
ज़रूर, जब पलटोगे
अतीत के पन्ने.
कि किसी ने चाहा था तुम्हारी
रूह को, जब सिर्फ मिलेंगे
तुम्हें सूरत देखकर
सिर आंखों पर बिठाने वाले.
शायद पछताओगे,
पुकारोगे हमें,
बहुत दूर जाने के बाद,
बहुत देर हो जाने के बाद.
शिल्पा रोंघे
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