Wednesday, July 10, 2019

दुआ

तब दुआ कबूल होगी.....


असर दुआ में भी,
असर बद्दुआ में भी,
गैरों की बात छोड़,
तू बस ऊपरवाले से 
अपने और पराए
दोनों की खैरियत 
की मांग किया कर.

शिल्पा रोंघे

No comments:

Post a Comment

मेघा

देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस  फिर से, ...