Saturday, February 9, 2019

बस तू ही

रोते हुए
या हंसते हुए मिलो 
कोई फ़र्क नहीं पड़ता.
नमकीन पानी घुल जाएगा 
लहू बन दौड़ेगा,
तब्बसुम होंठो पर फूलों 
सा खिलेगा.
क्या तेरा क्या मेरा,
खुशी और गम दोनों 
का  बस एक बहीखाता
गुमनाम होगा.

शिल्पा रोंघे

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होली

 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।