रेशम सी है,
मखमल सी है,
प्रफुल्लित
और सुंगधित
है चाहे बंद कली हो
या खिला फूल हो, माला में गुंथे हुए हो या बिखरी
हुई पंखुडियां हो, तुम
हर हाल में सुंदर हो.
लाल, पीले, नीले, गुलाबी
सफेद रंग चाहे जो भी हो
तुम हर रूप में
मनमोहक हो.
प्रेम,शांति, मैत्री
के सूचक हो.
रिश्ता
चाहे कोई भी हो मौका
चाहे कोई भी हो, बिना तुम्हारे
पूरा ना हो.
कांटों संग जीना सिखाते
हो,
संघर्ष से नहीं घबराते
हो.
खुद भी महकते हो, जिसकी संगत में जाते हो उसे भी सुंगधित और प्रसन्न बनाते
हो.
हे गुलाब तुम निसर्ग का
अनमोल उपहार हो.
लगता है ऐसा मानो
तुम स्वर्ग से धरती पर
उतरे हो.
शिल्पा रोंघे
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