Thursday, February 14, 2019

शहादत

छिप कर प्रहार वीरता नहीं,
धोखे से वार बहादुरी नहीं,
क्या मारोगे तुम वीरो को 
जिन्हें वीरगति प्राप्त हुई,
आतंकी जिंदा रहकर भी 
कहलाएगा कायर ही.

शिल्पा रोंघे 

No comments:

Post a Comment

मेघा

देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस  फिर से, ...