Saturday, February 2, 2019

ख़िज़ा का पत्ता

पसीने से सींचा गया,
धूप में सुनहरा हुआ,
चितकबरा सा पत्ता 
ख़िज़ा का, हरा भरा 
नहीं बहार सा तो क्या 
हुआ, देखो जो ध्यान 
से तो बदलते मौसम 
के साथ तालमेल बिठाने 
में क्या खूब माहिर हुआ.

शिल्पा रोंघे 

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