Saturday, June 2, 2018

जीवन का उत्तरार्ध

पतझड़ के झड़ते पत्ते
और ढलता सूरज है सिखाता 
कितना सुंदर होता है जीवन 
उत्तरार्ध भी.
तभी तो कभी सूर्यास्त तो कभी सूखा पत्ता 
चित्रकारों की कला हिस्सा होता है.

शिल्पा रोंघे

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